नाटक का तारा, साँस लेने का डर

नाटक का तारा, साँस लेने का डर

नाटक का तारा, साँस लेने का डर

Blog Article

पहला झूठ हमेशा एक नई कहानी है। खुशबू से भरा हुआ, यह हमें छल कर रहा होता है। फिर भी, धोकेबाजी की आग जलती रहती है। एक बार में मिटाया नहीं जा सकता। एक झूठ का जाल घना होता है। हर दिन उसमें और अधिक रस्सियां जुड़ती हैं।

धोखेबाजी की आग, वह जीवन को जलाने वाली अग्नि है। यह हमें बेवजह बना देती है। हम उसमें खो जाते हैं और अपना रास्ता भूल जाते हैं।

एक झूठ सच से दूर हो सकता है, लेकिन वह कभी पूरी तरह से नहीं मिटता है। यह जलता रहता है, हमें हमेशा सावधान रखता है।

दिल से जगाती धूल

प्यार और ईमानदारी की यह शायरी आज भी उसे प्रभावित करती है। हर शब्द में भावों का उजाला छिपी होती है। झूठी शायरी कहलाती इस रचना में सौन्दर्य के स्वर छुपे हुए हैं। हर पंक्ति एक कहानी प्रस्तुत करती है, जो दिल को छूती है ।

विश्वास पे नाचा, धोखेबाज दिल का गीत

एक बार था ऐसा, जब जीवन में हर चीज़ सही थी। भावनाएं सच होने वाली थीं, और प्यार का रंग हर जगह {ढका|छिड़का|भरा|। दिल खुश था, हँसी थी हर रोज़। परंतु क्या पता था कि उस झूठे ईर्ष्या के अंदर कितना विष छिपा हुआ था। उसने सारी खुशियाँ छीन लीं, और जीवन का रंग बदल दिया। अब तो केवल धोखा और दुःख ही है, एक गीत जो निरंतर बजा रहा है।

आग लगा दी धोकेबाज शब्दों का सैलाब

ये धोखेबाज शब्द, आत्मा में घुस गये। जैसे कोई महासागर आ गया हो, सब कुछ नष्ट होने लगा। और वो शब्द बेईमानी से बोले जा रहे हैं, जैसे वो पकड़े गए हों।

समझने की कोशिश करते हुए , हमारा दिमाग ध्रुवीकृत हो गया।

इसलिए प्यार कहने से धोखा है, यह धोकेबाजी की दुनिया

प्यार कहना, यह एक सच्चाई है.

यह दुनिया, जहां हर कोई अपनी शक्ति के लिए काम करता है, प्यार सिर्फ एक चलन है. लोग प्यार की भाषा में ही छिप जाते हैं.

अपनी चालें, जो कहती हैं "मैं तुमसे प्यार करता हूँ", वो असल में चाहत है.

बिछड़ते होड़ तस्वीरें, धोकेबाज शायरी

ये तो मिलन का ही सच है, जहाँ दुनिया भी बेवफा से भरी हो गयी हैं। Dhokebaaz Shayari In Hindi हर एक चित्र तो बयां करता है वो जो अच्छी नहीं होती, और हर एक पंक्ति जुगनू में घुसा जाता है वो जो अँधेरा भर देता है।

Report this page